हीरे का पेंडेंट जिसने दक्षिण कोरिया की पूर्व राष्ट्रपति की पत्नी को पहुंचाया जेल: पूरी कहानी
13 अगस्त 2025, सियोल: दक्षिण कोरिया की राजनीति में भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए हैं, लेकिन एक हीरे का पेंडेंट उस कहानी का केंद्र बन गया जिसने पूर्व राष्ट्रपति मून जे-इन की पत्नी किम जंग-सूक को जेल की सलाखों तक पहुंचाया। यह घटना न केवल दक्षिण कोरिया में चर्चा का विषय बनी, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सुर्खियां बटोरी। आइए, इस सनसनीखेज मामले की पूरी कहानी और इसके पीछे के तथ्यों को समझें।
हीरे का पेंडेंट: भ्रष्टाचार का प्रतीक?
2018 में, दक्षिण कोरिया की पूर्व प्रथम महिला किम जंग-सूक पर एक विदेशी सरकार से उपहार के रूप में प्राप्त हीरे का पेंडेंट स्वीकार करने का आरोप लगा। यह पेंडेंट, जिसकी कीमत लाखों वॉन बताई गई, कथित तौर पर एक राजनयिक मुलाकात के दौरान उपहार में दिया गया था। दक्षिण कोरियाई कानून के अनुसार, सरकारी अधिकारियों और उनके परिवार के सदस्यों को महंगे उपहार स्वीकार करने की मनाही है, क्योंकि इसे रिश्वत या प्रभाव डालने का माध्यम माना जा सकता है। इस पेंडेंट को स्वीकार करने के बाद किम जंग-सूक पर भ्रष्टाचार और अनुचित प्रभाव के आरोप लगे, जिसने उनके और पूर्व राष्ट्रपति मून जे-इन के प्रशासन को विवादों में घेर लिया।
जांच और कानूनी कार्रवाई
2022 में, दक्षिण कोरिया की भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने इस मामले की जांच शुरू की। जांच में पता चला कि किम जंग-सूक ने न केवल पेंडेंट को स्वीकार किया, बल्कि इसे सरकारी रजिस्टर में दर्ज करने में भी देरी की, जो कानून का उल्लंघन था। इसके अलावा, यह भी आरोप लगा कि इस उपहार के बदले कुछ राजनयिक या व्यापारिक लाभ दिए गए थे, हालांकि इन आरोपों के ठोस सबूत नहीं मिले। 2024 के अंत तक, मामला इतना गंभीर हो गया कि सियोल की एक अदालत ने किम जंग-सूक को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार करने का आदेश दिया। यह पहली बार था जब किसी दक्षिण कोरियाई पूर्व राष्ट्रपति की पत्नी को इस तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ा।

दक्षिण कोरियाई जनता की प्रतिक्रिया
इस घटना ने दक्षिण कोरिया में व्यापक विवाद खड़ा किया। कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई करार दिया, क्योंकि मून जे-इन की प्रोग्रेसिव सरकार और वर्तमान कंजर्वेटिव प्रशासन के बीच तनाव जगजाहिर है। दूसरी ओर, कई नागरिकों ने इसे भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा कदम माना। सोशल मीडिया पर #KimJungSook और #DiamondPendant जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे, जिससे यह मामला और चर्चा में आ गया। सियोल और अन्य शहरों में विरोध प्रदर्शन भी हुए, जहां लोग पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग कर रहे थे।
मून जे-इन का पक्ष
पूर्व राष्ट्रपति मून जे-इन ने इस मामले में अपनी पत्नी का बचाव करते हुए कहा कि यह पेंडेंट एक सामान्य राजनयिक उपहार था और इसमें कोई गलत इरादा नहीं था। उन्होंने इसे “राजनीतिक साजिश” करार दिया और कहा कि उनकी पत्नी को अनुचित रूप से निशाना बनाया जा रहा है। हालांकि, उनके बयानों ने विवाद को और हवा दी, और जांच एजेंसियों ने इस मामले को और गहराई से खंगाला।

निष्कर्ष: एक पेंडेंट की कीमत
हीरे का पेंडेंट, जो कभी एक राजनयिक उपहार था, अब दक्षिण कोरियाई राजनीति में एक बड़े विवाद का प्रतीक बन चुका है। किम जंग-सूक की गिरफ्तारी ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे देश की राजनीतिक गतिशीलता पर सवाल उठाए हैं। यह मामला भ्रष्टाचार, जवाबदेही और राजनीतिक प्रतिशोध के बीच की जटिल रेखा को उजागर करता है।
आप इस बारे में क्या सोचते हैं? क्या यह पेंडेंट वाकई भ्रष्टाचार का सबूत था, या यह केवल एक राजनीतिक खेल का हिस्सा है? अपनी राय कमेंट में साझा करें!
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