Teachers Day 2025: 5 सितंबर को क्यों मनाया जाता है शिक्षक दिवस? जानें डॉ. राधाकृष्णन के विचार और योगदान

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नई दिल्ली: हर साल भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस (Teachers Day) मनाया जाता है। यह दिन देशभर के विद्यार्थियों के लिए खास महत्व रखता है, क्योंकि यह सिर्फ शिक्षकों का सम्मान करने का अवसर ही नहीं, बल्कि शिक्षा के महत्व को याद करने का दिन भी है। शिक्षक दिवस को भारत के दूसरे राष्ट्रपति और महान विद्वान डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस की शुरुआत कैसे हुई?

साल 1962 में जब डॉ. राधाकृष्णन राष्ट्रपति बने, तो उनके शिष्यों और दोस्तों ने उनकी जन्मतिथि मनाने की इच्छा जताई। लेकिन उन्होंने कहा –
“मेरे जन्मदिन को विशेष रूप से मनाने की बजाय, अगर इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मुझे गर्व होगा।”
यही वजह है कि हर साल 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

डॉ. राधाकृष्णन के शिक्षा संबंधी विचार

डॉ. राधाकृष्णन का मानना था कि शिक्षा सिर्फ नौकरी पाने का साधन नहीं, बल्कि जीवन को सही दिशा देने का माध्यम है।

  • शिक्षा का उद्देश्य केवल जानकारी देना नहीं, बल्कि व्यक्तित्व और चरित्र निर्माण है।
  • शिक्षक समाज की आत्मा होते हैं, जो आने वाली पीढ़ी को मार्गदर्शन देते हैं।
  • एक अच्छा शिक्षक वही है, जो छात्र के भीतर छुपी क्षमताओं को पहचान कर उन्हें निखारे।

शिक्षक दिवस 2025 का महत्व

आज के आधुनिक दौर में शिक्षा का स्वरूप बदल रहा है, लेकिन डॉ. राधाकृष्णन के विचार पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक हो गए हैं। शिक्षक दिवस हमें यह संदेश देता है कि –

  • बिना गुरु के ज्ञान अधूरा है।
  • शिक्षक ही वे दीपक हैं, जो अज्ञान के अंधकार को दूर कर ज्ञान की रोशनी फैलाते हैं।

Teachers Day 2025 केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि यह समाज के उन स्तंभों को सम्मान देने का अवसर है, जिन्होंने शिक्षा को जीवन का आधार बनाया। डॉ. राधाकृष्णन के विचार आज भी हर शिक्षक और छात्र के लिए मार्गदर्शक हैं।

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